Pic credit: social media
ईरान की इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने हाल ही में देश के सख्त इस्लामिक ड्रेस कोड के खिलाफ एक साहसी और विवादास्पद कदम उठाया। उसने अपने इनरवियर को छोड़कर बाकी सभी कपड़े उतार दिए और सड़क पर चलने लगी। यह घटना तब हुई जब वह देश में महिलाओं पर लगाए गए सख्त इस्लामिक ड्रेस कोड के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रही थी।ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना और शालीन कपड़े पहनना अनिवार्य है। जो महिलाएं इस कानून का पालन नहीं करतीं, उन्हें अक्सर सामाजिक और कानूनी दबाव का सामना करना पड़ता है। इस छात्रा का यह कदम सरकार की नीतियों और समाज के रूढ़िवादी दृष्टिकोण के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध माना जा रहा है।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने छात्रा को हिरासत में ले लिया। इस घटना ने देश और दुनिया भर में व्यापक बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक मानते हैं, जबकि अन्य इसे समाज के नैतिक मूल्यों के खिलाफ मानते हैं।
यह घटना ईरान में हाल के वर्षों में महिलाओं के अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए चल रहे आंदोलनों का एक हिस्सा है। कई महिलाएं और पुरुष देश के सख्त नियमों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, जिसमें ड्रेस कोड, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लैंगिक समानता जैसे मुद्दे शामिल हैं।
इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम की सराहना की और ईरानी सरकार से महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने की अपील की है। वहीं, ईरान के रूढ़िवादी गुटों ने इसे "पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव" और "इस्लामी मूल्यों के खिलाफ साजिश" करार दिया है। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि ईरान में महिलाओं के अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कितना महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है। इस तरह के विरोध देश और दुनिया को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर कब तक महिलाओं को उनकी पसंद और अधिकारों से वंचित रखा जाएगा।