भुवनेश्वर स्थित कालींगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक तीसरे वर्ष की नेपाली छात्रा, प्राकृति लम्साल, की आत्महत्या की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी। प्रकृति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद, पुलिस ने एक 21 वर्षीय भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया है, जो इस मामले में संदिग्ध माना जा रहा है।
प्राकृति की
मौत
के
बाद,
KIIT में
पढ़
रहे
500 से
अधिक
नेपाली
छात्रों
ने
विरोध
प्रदर्शन
किया।
छात्रों
ने
न्याय
की
मांग
करते
हुए
विश्वविद्यालय
प्रशासन
के
खिलाफ
नारेबाजी
की।
इस
घटना
ने
न
केवल
छात्रों
के
बीच
असंतोष
फैलाया,
बल्कि
नेपाल
सरकार
को
भी
इस
मामले
में
हस्तक्षेप
करने
के
लिए
मजबूर
किया।
नेपाल
के
विदेश
मंत्री
ने
भारतीय
राजदूत
से
बातचीत
की
और
मामले
की
गंभीरता
को
समझाया।
ओडिशा सरकार
ने
सभी
नेपाली
छात्रों
को
विश्वविद्यालय
छोड़ने
का
आदेश
दिया,
जिससे
छात्रों
में
भय
और
असंतोष
की
भावना
बढ़
गई।
इस
आदेश
के
बाद,
KIIT ने
पहले
सभी
अंतरराष्ट्रीय
छात्रों
के
लिए
विश्वविद्यालय
को
बंद
करने
का
निर्णय
लिया,
लेकिन
बाद
में
स्थिति
को
देखते
हुए
इसे
वापस
ले
लिया।
नेपाल सरकार
ने
इस
मामले
में
दूतावास
के
अधिकारियों
को
KIIT भेजा
है
ताकि
वे
छात्रों
की
सुरक्षा
सुनिश्चित
कर
सकें।
दूतावास
ने
KIIT प्रशासन
से
अनुरोध
किया
है
कि
वह
नेपाली
छात्रों
को
सुरक्षित
वातावरण
प्रदान
करे
और
उनकी
समस्याओं
का
समाधान
करे।
छात्रों ने
अपनी
सुरक्षा
को
लेकर
चिंता
व्यक्त
की
है।
कई
छात्रों
का
कहना
है
कि
उन्हें
मानसिक
तनाव
और
असुरक्षा
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
प्रकृति
की
मौत
ने
उनके
भविष्य
को
लेकर
भी
सवाल
खड़े
कर
दिए
हैं।
यह घटना
न
केवल
KIIT के
लिए
बल्कि
नेपाल
और
भारत
के
बीच
संबंधों
के
लिए
भी
एक
महत्वपूर्ण
मोड़
है।
छात्रों
की
सुरक्षा
और
उनके
अधिकारों
की
रक्षा
के
लिए
उचित
कदम
उठाने
की
आवश्यकता
है।
इस
मामले
की
जांच
और
न्याय
की
प्रक्रिया
को
तेज
करने
की
मांग
की
जा
रही
है,
ताकि
भविष्य
में
ऐसी
घटनाओं
से
बचा
जा
सके।