नई
दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उन
विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से
मुलाकात की, जिन्होंने हाल ही में भारत
का विभिन्न देशों में प्रतिनिधित्व किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री
ने भारत की वैश्विक भूमिका,
शांति के प्रति प्रतिबद्धता,
और आतंकवाद के खतरे को
समाप्त करने की आवश्यकता पर
विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा, "दुनिया
के सामने भारत की आवाज़ जिस
दृढ़ता और गरिमा के
साथ आपने रखी, वह काबिल-ए-तारीफ है। हम सभी को
आप पर गर्व है।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत हमेशा
से शांति का पक्षधर रहा
है, लेकिन साथ ही वह आतंकवाद
जैसे वैश्विक संकटों को जड़ से
समाप्त करने के लिए भी
संकल्पबद्ध है। प्रधानमंत्री
ने प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की
सराहना करते हुए कहा कि विश्व मंच
पर भारत की छवि आज
एक मज़बूत, आत्मनिर्भर और सकारात्मक राष्ट्र
के रूप में उभरी है, और इसके पीछे
ऐसे ही समर्पित प्रतिनिधियों
की मेहनत है।प्रधानमंत्री
ने अपने संदेश में यह भी जोड़ा
कि “जब भारत के
प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति, विकास
और मानवता की बात करते
हैं, तो यह केवल
एक देश की नहीं, बल्कि
पूरी सभ्यता की आवाज़ बन
जाती है।” उन्होंने यह भी कहा
कि विश्व में भारत की भूमिका अब
एक दर्शक की नहीं, बल्कि
दिशा देने वाले नेता की हो गई
है। मोदी
ने दो टूक कहा
कि “आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा
दुश्मन है। जब तक एक
भी निर्दोष व्यक्ति डर के साये
में जी रहा है,
तब तक शांति अधूरी
है। भारत हर मंच पर
आतंकवाद के खिलाफ आवाज़
उठाता रहेगा।प्रधानमंत्री
मोदी की यह मुलाकात
न केवल प्रतिनिधियों के मनोबल को
ऊँचा करने वाली रही, बल्कि यह भी दिखाया
कि भारत अपने मूल्यों पर अडिग रहते
हुए, विश्व शांति और सुरक्षा के
लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
देश को गर्व है
उन सभी प्रतिनिधियों पर जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय
मंचों पर भारत की
आवाज़ बुलंद की।