
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देते
हुए कहा कि भारत की तरक्की में बेंगलुरु का योगदान बेहद अहम है। उन्होंने आश्वासन दिया
कि केंद्र सरकार इस महानगर के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए पूरी
निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। येलो लाइन
आईटी सेक्टर से जुड़े लाखों
लोगों को सीधा फायदा
देगी और साथ ही
यातायात जाम की समस्या को
भी कम करेगी।
येलो लाइन के शुरू होने
से इलेक्ट्रॉनिक सिटी, आरवी रोड, और कोरमंगला जैसे
प्रमुख आईटी हब के बीच
सफर का समय आधा
हो जाएगा। मेट्रो के इस विस्तार
से न केवल स्थानीय
अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा,
बल्कि पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी।
विशेषज्ञों का मानना है
कि यह पहल बेंगलुरु
के स्मार्ट सिटी विज़न को और मजबूत
करेगी, जिससे शहर की ग्लोबल आईटी
कैपिटल के रूप में
पहचान और भी मजबूत
होगी।
बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन
को लेकर शहर के नागरिकों और
आईटी प्रोफेशनल्स में खासा उत्साह है। अनुमान के मुताबिक, इस
मार्ग से प्रतिदिन हजारों
यात्री सफर करेंगे, जिससे सड़क यातायात पर दबाव कम
होगा और समय की
बचत होगी। यह परियोजना ग्रीन
ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में
भी एक बड़ा कदम
है, क्योंकि मेट्रो यात्रा से कार्बन उत्सर्जन
में उल्लेखनीय कमी आएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
देश के आर्थिक विकास
में बेंगलुरु का योगदान असाधारण
है और इसलिए केंद्र
सरकार यहां की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को
प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने विश्वास जताया कि येलो लाइन
न केवल आईटी उद्योग को मजबूती देगी,
बल्कि रोजगार के नए अवसर
भी पैदा करेगी।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के अधिकारियों के
अनुसार, येलो लाइन के साथ भविष्य
में और भी कनेक्टिविटी
सुधार योजनाएं लागू की जाएंगी, जिनसे
शहर का परिवहन तंत्र
और मजबूत होगा।
येलो लाइन का उद्घाटन बेंगलुरु
के लिए एक ऐतिहासिक पल
है। यह न सिर्फ
ट्रैफिक की समस्या का
समाधान लाएगा, बल्कि शहर को एक आधुनिक,
सुगम और पर्यावरण-हितैषी
परिवहन प्रणाली की ओर ले
जाएगा। "भविष्य में यह परियोजना बेंगलुरु
को विश्वस्तरीय स्मार्ट सिटी के रूप में
स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।"