अवार्ड
केवल एक ट्रॉफी या
सर्टिफिकेट नहीं होता, यह किसी इंसान
के जीवन की मेहनत, संघर्ष
और समर्पण की पहचान है।
जब किसी को सम्मान मिलता
है, तो वह सिर्फ
उसकी जीत नहीं होती, बल्कि पूरी इंसानियत को यह संदेश
देती है कि सच्चे
कर्म, निस्वार्थ सेवा और ईमानदारी कभी
व्यर्थ नहीं जाती। अवार्ड की असली वैल्यू
यही है – वह आने वाली
पीढ़ियों को प्रेरणा देता
है कि अगर वे
सपनों के साथ संघर्ष
करेंगे, तो एक दिन
उन्हें भी दुनिया सराहेगी।नई
दिल्ली, 27 सितंबर –देश की राजधानी ने
उस ऐतिहासिक क्षण को देखा, जब
Iconic Peace Award Council (IPAC) ने
अपने मिशन “Celebrate Achievers”
के तहत Iconic Peace Award
2025 का भव्य आयोजन Constitution Club of
India में किया। यह आयोजन केवल
एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह उन नायकों
को पहचान देने का प्रयास था,
जिन्होंने समाज, राष्ट्र और मानवता के
लिए निस्वार्थ योगदान दिया।
अवार्ड
किसी व्यक्ति, संस्था या संगठन को
उनकी असाधारण उपलब्धियों, योगदान और उत्कृष्ट कार्यों
के लिए दिया जाने वाला सम्मान है। यह केवल एक
ट्रॉफी, मेडल या सर्टिफिकेट नहीं
होता, बल्कि यह उस संघर्ष,
मेहनत और समर्पण की
पहचान है, जो किसी ने
अपने जीवन में की होती है।अवार्ड
का असली मकसद केवल किसी को ट्रॉफी या
सर्टिफिकेट देना नहीं होता, बल्कि यह उन व्यक्तित्वों
को सम्मानित करने का प्रयास है,
जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्म
और समर्पण से समाज को
नई दिशा दी। Iconic Peace Award
2025 इसी सोच का प्रतीक था।
इसका संदेश स्पष्ट था – “हर योगदान को
पहचान, हर प्रतिभा को
प्रेरणा।”
यह
वर्ष विशेष रहा क्योंकि कुल 50 पुरस्कार तीन ख़ास श्रेणियों में प्रदान किए गए, जिनमें से प्रत्येक श्रेणी
अपने आप में अनोखा
संदेश देती है। Iconic Ashoka Award उन महान हस्तियों
को समर्पित था जिन्होंने न
केवल देश का गौरव बढ़ाया,
बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की
पहचान को नई ऊँचाइयों
तक पहुँचाया। National Social
Impact Award समाज सेवा और सकारात्मक बदलाव
की राह दिखाने वाले सच्चे योद्धाओं के सम्मान का
प्रतीक बना। वहीं, Honorary Doctorate
Award उन विशिष्ट हस्तियों को दिया गया
जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल करते हुए जीवनभर समर्पण और प्रेरणा का
उदाहरण प्रस्तुत किया। इन श्रेणियों ने
यह स्पष्ट कर दिया कि
सच्ची महानता पद, नाम या पहचान में
नहीं, बल्कि निस्वार्थ योगदान और कर्म के
उजाले में छिपी होती है।विशिष्ट अतिथियों
की
गरिमामयी
उपस्थिति:
इस भव्य आयोजन को और अधिक
ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बनाने
में उन विशिष्ट अतिथियों
की उपस्थिति ने विशेष योगदान
दिया, जिन्होंने अपनी गरिमा और व्यक्तित्व से
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर श्री विजय
सम्पला, भारत सरकार के पूर्व राज्यमंत्री,
अश्विनी दुबे, सुप्रसिद्ध अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय, सयोनारा टेलेस लाड, पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डॉ. बिष्णु प्रसाद बराल, इंटरनेशनल चेयरमैन, नेपाल और सुष्मिता सिक्का
ऐच, चेयरपर्सन ने अपनी उपस्थिति
से आयोजन को और भी
गौरवशाली बना दिया। इन सभी प्रतिष्ठित
हस्तियों की मौजूदगी ने
न केवल समारोह को गरिमामयी बनाया,
बल्कि उपस्थित लोगों के लिए यह
एक प्रेरणादायक अनुभव भी बन गया।
IPAC का
विज़न:
Iconic Peace Award Council (IPAC) का
विज़न बेहद स्पष्ट और सशक्त है।
इसका उद्देश्य केवल अवार्ड प्रदान करना नहीं, बल्कि हर उस योगदान
को सम्मानित करना है जो समाज
और मानवता के लिए प्रेरणा
का स्रोत बने। IPAC मानता है कि हर
प्रतिभा को एक ऐसा
मंच मिलना चाहिए, जहाँ उसकी मेहनत, संघर्ष और उपलब्धियों को
पहचान मिल सके। इसी सोच के तहत संस्था
समाज में उत्कृष्टता, नवाचार और सकारात्मक बदलाव
की संस्कृति को बढ़ावा देने
के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
इस आयोजन ने यह सशक्त
संदेश दिया कि निस्वार्थ योगदान
और कर्म का उजाला कभी
छिपता नहीं, बल्कि एक दिन अवश्य
पहचाना और सराहा जाता
है।Iconic Peace Award 2025 केवल
एक अवार्ड शो नहीं था,
बल्कि यह प्रेरणा, सम्मान
और सामाजिक जिम्मेदारी का उत्सव था।
इसने यह साबित कर
दिया कि – सच्ची महानता पद या पहचान
से नहीं, बल्कि निस्वार्थ योगदान और समाज के
लिए किए गए कर्मों से
परिभाषित होती है।यही
कारण है कि ऐसे
आयोजन न केवल सम्मानित
व्यक्तियों के लिए विशेष
होते हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा
का स्रोत बन जाते हैं।


