नरेंद्र मोदी ने किसानों से संवाद में जताई खुशी: देश को कृषि और दलहन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ रहा कदम

                                                                        

                                    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने किसान भाई-बहनों के साथ संवाद के दौरान देश की कृषि और दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके उत्साह और सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह जानकर बेहद खुशी हुई कि हमारे किसान भाई-बहन देश को कृषि और दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बढ़-चढ़कर भागीदारी करना चाहते हैं।" यह बयान प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जिसमें किसानों को भारत की आर्थिक प्रगति का आधार माना जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संवाद में इस बात पर जोर दिया कि किसान केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि दलहन और अन्य कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि अवसंरचना निधि, और फसल बीमा योजना का उल्लेख किया, जो किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।मोदी ने कहा, "हमारी सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि वह वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बनाए। इसके लिए हम आधुनिक तकनीक, जैविक खेती, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दे रहे हैं।"
हाल के वर्षों में, भारत ने दलहन उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और दलहन विकास कार्यक्रम के तहत सरकार ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उन्नत तकनीक, और बाजार सुविधाएं प्रदान की हैं। इसके परिणामस्वरूप, देश में दालों का उत्पादन बढ़ा है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हुई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दलहन उत्पादन में वृद्धि से केवल किसानों की आय में सुधार हुआ है, बल्कि यह देश की पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसानों से जैविक खेती और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल कृषि के महत्व पर बल देते हुए कहा कि -नाम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) जैसे प्लेटफॉर्म्स किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा, ड्रोन तकनीक और स्मार्ट खेती के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई पहल कर रही है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि 21वीं सदी का भारत कृषि क्षेत्र में केवल आत्मनिर्भर हो, बल्कि विश्व में अग्रणी भी बने। हमारे किसान इस दिशा में सबसे मजबूत कड़ी हैं।"
प्रधानमंत्री के इस संवाद ने किसानों में एक नया जोश भरा है। देशभर के किसानों ने उनकी योजनाओं और प्रोत्साहन की सराहना की है। उत्तर प्रदेश के एक किसान, रामेश्वर सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री का यह संदेश हमें और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। हम चाहते हैं कि हमारा देश दालों और अनाज के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संवाद केवल किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि सरकार का फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने पर है। किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों के समन्वय से भारत कृषि क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।

 

 

 

 

 

 

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