बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : मालाबार गोल्ड विवाद में एक्स को इन्फ्लुएंसर विजय गजेरा का अकाउंट भारत में ब्लॉक करने का आदेश

                                                                            

                                      मुंबई: देश की जानी-मानी ज्वेलरी कंपनी मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के खिलाफ सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग अब कोर्ट की चौखट तक पहुंच गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) को निर्देश दिया है कि भारतीय इन्फ्लुएंसर विजय गजेरा  के अकाउंट को केवल भारत में ब्लॉक कर दिया जाए। यह फैसला मालाबार गोल्ड द्वारा दायर मानहानि मुकदमे के बाद आया है, जिसमें कंपनी ने गजेरा के उन पोस्ट्स को 'झूठा और ब्रांड को नुकसान पहुंचाने वाला' बताया है, जो सितंबर 2025 में पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर अलिश्बा खालिद के साथ उनके कथित सहयोग की आलोचना करते थे।अलिश्बा खालिद, जो यूके-बेस्ड हैं, ने मई 2025 में भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर विवादास्पद कमेंट्स किए थे, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के सैन्य हमलों का मजाक उड़ाया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में लॉन्च किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में जैश--मोहम्मद लश्कर--तैयबा के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे।
विवाद की जड़ सितंबर 2025 में मालाबार गोल्ड के यूके में एक स्टोर उद्घाटन इवेंट है, जहां अलिश्बा खालिद को प्रमोटर के रूप में आमंत्रित किया गया था। विजय गजेरा ने 10 सितंबर को एक्स पर पोस्ट कर कंपनी को निशाना बनाया: "मालाबार गोल्ड पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर्स के साथ सहयोग कर रही है, जो भारत-विरोधी हैं। यह स्वीकार्य नहीं!" उनके पोस्ट्स वायरल हो गए और #BoycottMalabarGold ट्रेंड शुरू हो गया, खासकर धनतेरस और दीवाली से पहले।कंपनी के मालिक एम.पी. अहमद (केरल से राज्यसभा सांसद) ने स्पष्ट किया कि खालिद इवेंट के कई प्रमोटर्स में से एक थीं और कंपनी को उनके पुराने पोस्ट्स की जानकारी नहीं थी। मालाबार ने तुरंत खालिद और उनके एजेंसी JAB Studios के साथ संबंध तोड़ लिया। लेकिन गजेरा ने 15 अक्टूबर को फिर पोस्ट किया: "एमपी अहमद की मालाबार गोल्ड मुझे जेल भेजना चाहती है क्योंकि मैंने उनके पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर सहयोग का पर्दाफाश किया, जो ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ाती है। मैं सेना की शान के लिए जेल जाने को तैयार हूं।"
29 सितंबर 2025 को जस्टिस संदीप वी. मार्ने की बेंच ने मालाबार के पक्ष में अंतरिम राहत दी। कोर्ट ने मेटा, एक्स, गूगल और न्यूज पोर्टल्स को 442 URL हटाने का आदेश दिया, जो कंपनी को 'पाकिस्तान समर्थक' बताते थे। कोर्ट ने कहा, "केवल एक इन्फ्लुएंसर को हायर करने से कंपनी को पाकिस्तान से जोड़ना गलत है। यह प्रतिस्पर्धियों द्वारा फैलाई गई अफवाहें लगती हैं।"लेकिन विवाद तब तूल पकड़ा जब मालाबार ने गजेरा के खिलाफ सिविल जेल की मांग की, दावा करते हुए कि वे पुराने कोर्ट ऑर्डर का पालन नहीं कर रहे। कोर्ट ने अब एक्स को भारत में गजेरा के अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, लेकिन वैश्विक पहुंच पर कोई रोक नहीं। गजेरा के समर्थक इसे 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला' बता रहे हैं, जबकि कंपनी इसे 'गलत सूचना के खिलाफ कदम' कह रही है।
धनतेरस से ठीक पहले यह ट्रेंड वायरल हो गया है। एक्स पर हजारों यूजर्स ने पोस्ट्स शेयर किए: "मालाबार को बॉयकॉट करो, देशभक्ति पहले!" वहीं, कुछ ने सवाल उठाया कि बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों पर क्यों चुप्पी? मालाबार का दावा है कि यह 'सोशल मीडिया ट्रायल' है, जो फेस्टिव सीजन में उनके बिजनेस को नुकसान पहुंचा रहा है। कंपनी ने साइबर सेल मुंबई से भी शिकायत की है।
यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी और ब्रांड की प्रतिष्ठा के बीच संतुलन का सवाल उठाता है। अगली सुनवाई 11 नवंबर को है। सोशल मीडिया यूजर्स के लिए चेतावनी साफ है: फैक्ट-चेक जरूरी, वरना लीगल एक्शन हो सकता है। मालाबार जैसे ब्रांड्स के लिए, इन्फ्लुएंसर चॉइस अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ गई है।

 

 

 

 

 

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