दक्षिणी दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक डॉ. विजय जौली ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा 28 मई 2025 को जारी उस न्यायिक आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें दिल्ली में निजी पानी के टैंकरों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। डॉ. जौली ने इस आदेश को “अनुचित, अव्यवहारिक और आम जनता के खिलाफ” बताया।उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) राजधानी के 2.23 करोड़ नागरिकों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है, और ऐसी स्थिति में निजी टैंकर ही जनता की प्यास बुझाने का मुख्य स्रोत बने हुए हैं। डॉ. जौली ने आंकड़ों के साथ बताया कि दिल्ली में पानी की दैनिक मांग 1,290 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) है, जबकि जल बोर्ड केवल 990 एमजीडी पानी की आपूर्ति कर पाता है। यह 300 एमजीडी की भारी कमी निजी पानी के टैंकरों द्वारा पूरी की जाती है, जो अब NGT के आदेश से बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि “निजी टैंकरों पर प्रतिबंध से न केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि हजारों लोगों की आजीविका भी छिन जाएगी।"डॉ. जौली ने बताया कि दिल्ली की 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों में करीब 50 लाख गरीब नागरिक रहते हैं, जहां न तो पाइपलाइन से पानी पहुंचता है और न ही नियमित सप्लाई। इन इलाकों में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर 3 से 4 दिनों के बाद ही पहुंच पाते हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।हालांकि उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा हाल में शुरू की गई 1,111 GPS-सक्षम जल टैंकर योजना की सराहना की।परंतु उन्होंने कहा कि यह योजना दिल्ली की वास्तविक मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को भरने में नाकाफी है।डॉ. जौली ने कहा, “निजी जल टैंकर दिल्ली की जीवन रेखा हैं — ये न केवल अमीर-गरीब की प्यास बुझाते हैं, बल्कि निर्माण कार्यों और सार्वजनिक जरूरतों में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार से आग्रह किया कि वह इस विषय पर तुरंत संज्ञान ले, NGT के आदेश पर पुनर्विचार करवाए और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि जनता को जल संकट से राहत मिल सके। डॉ. विजय जौली का यह रुख इस बात का संदेश देता है कि सच्चा जनसेवक वही है जो जनता की मूलभूत जरूरतों के लिए खड़ा होता है। जब तक हर घर तक स्वच्छ पानी नहीं पहुंचता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा — क्योंकि “पानी ही जीवन है, और जीवन से बड़ा कोई आदेश नहीं।