भारत और नामीबिया संबंध पर नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक भाषण

                    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए भारत और नामीबिया के ऐतिहासिक संबंधों, अफ्रीका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और वैश्विक भलाई में भारत की भूमिका को रेखांकित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा,  नामीबियाई संसद में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का यह वक्तव्य केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह भारत के व्यापक वैश्विक दृष्टिकोण और साझेदारी की भावना का सशक्त प्रतीक था। भारत और नामीबिया के बीच मित्रता पर नरेंद्र मोदी का भाषण इस बात की गवाही देता है कि दोनों देशों के बीच का संबंध केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह साझेदारी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित है। भारत ने नामीबिया की स्वतंत्रता के आंदोलन में सक्रिय समर्थन दिया था, और आज भी यह सहयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार मजबूत होता जा रहा है।

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत-अफ्रीका संबंधों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। अफ्रीकी देशों के साथ भारत ने “साउथ-साउथ कोऑपरेशन के सिद्धांत पर कार्य करते हुए अनेक समझौते किए हैं। नामीबिया की संसद में मोदी का भाषण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब एक सहयोगी के रूप में उभर रहा है, जो शक्ति और समर्थन के माध्यम से नहीं, बल्कि साझेदारी और समानता के सिद्धांत पर काम करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य केवल व्यापार और रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि “वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को आत्मसात करते हुए भारत वैश्विक समस्याओं के समाधान में भागीदारी करना चाहता है। चाहे जलवायु परिवर्तन की चुनौती हो, वैश्विक स्वास्थ्य संकट या खाद्य सुरक्षाभारत ने हर स्तर पर अपनी भूमिका निभाई है।

भारत और नामीबिया के बीच मित्रता पर नरेंद्र मोदी का भाषण में उन्होंने ऊर्जा, डिजिटलीकरण, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात कही। भारत ने नामीबिया को वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत कोविड वैक्सीन भी भेजी थी, जो इस दोस्ती की गहराई को दर्शाता है।

नरेंद्र मोदी का यह संबोधन न केवल एक कूटनीतिक कदम था, बल्कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला एक प्रेरणादायक संदेश था। अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी अब सिर्फ सहयोग तक सीमित नहीं रही, यह एक वैश्विक दृष्टिकोण का हिस्सा बन चुकी हैजहाँ समानता, आदान-प्रदान और समृद्धि का सपना साझा किया जाता है।

 

 

 

 

 

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