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ठक
में यह भी तय
किया गया कि दिल्ली सरकार
के सभी विभाग, जैसे पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, जल बोर्ड, और
ट्रैफिक पुलिस को आपसी समन्वय
के साथ काम करना होगा। यह सुनिश्चित किया
जाना चाहिए कि जलनिकासी की
व्यवस्था दुरुस्त हो, नालियों की समय पर
सफाई हो और बारिश
से पहले सभी जरूरी तैयारियाँ पूरी हों।
रेखा
गुप्ता ने अधिकारियों को
निर्देशित किया कि जहाँ-जहाँ
जलभराव की स्थिति देखी
गई है, वहाँ उसके कारणों की तुरंत पहचान
की जाए और प्राथमिकता के
आधार पर उसका समाधान
सुनिश्चित किया जाए। इसमें अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी समाधान को प्राथमिकता देने
की बात कही गई। उन्होंने कहा कि "समस्या का असली समाधान
तभी होगा जब हम उसकी
जड़ तक पहुँचें और
भविष्य में उसके दोहराव की संभावना को
खत्म करें।"
रेखा
गुप्ता ने कहा कि
“दिल्ली की जनता को
हर हाल में राहत मिलनी चाहिए। जलभराव की वजह से
न केवल ट्रैफिक जाम और देरी होती
है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और
सुरक्षा पर भी असर
पड़ता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट
किया कि किसी भी
विभाग की लापरवाही बर्दाश्त
नहीं की जाएगी और
जवाबदेही तय की जाएगी।
दिल्ली
जैसे महानगर में जलभराव की समस्या कोई
नई नहीं है, लेकिन इस बार सरकार
और प्रशासन की सक्रियता से
उम्मीदें जागी हैं। रेखा गुप्ता की पहल और
कड़े निर्देश इस दिशा में
एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि सभी विभाग मिलकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें
और आधुनिक तकनीकों का सही उपयोग
हो, तो निश्चित रूप
से आने वाले दिनों में दिल्ली को जलभराव मुक्त
बनाया जा सकता है।