
सोहरी
पत्ता, जो त्रिनिडाड एंड
टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों के
लिए संस्कृतिक प्रतीक माना जाता है, वहां के त्यौहारों और
खास कार्यक्रमों में भोजन परोसने के लिए पारंपरिक
रूप से उपयोग किया
जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में
इस पारंपरिक आतिथ्य को दर्शाना, वहां
की जनता के भारत के
प्रति गहरे लगाव और सम्मान को
दर्शाता है। मोदी ने जताया आभार,
कहा – "त्रिनिडाड एंड टोबैगो में भारतीय संस्कृति का ऐसा जीवंत
रूप देखना गर्व की बात है।
यह दिखाता है कि भारतीय
सभ्यता कितनी मजबूत और वैश्विक है।"
इस
दौरे के दौरान भारत-त्रिनिडाड एंड टोबैगो के द्विपक्षीय संबंध
और सांस्कृतिक कनेक्शन पर खास जोर
दिया गया। दोनों देशों के बीच आर्थिक
सहयोग, डिजिटल इंडिया एक्सचेंज, और भारतवंशी समुदाय
के सशक्तिकरण जैसे अहम विषयों पर भी चर्चा
हुई।
सोहरी पत्ते
का
इतिहास
प्रकृति,
परंपरा
और
पवित्रता
का
प्रतीक:
सोहरी पत्ता (जिसे कुछ क्षेत्रों में 'साल' पत्ता भी कहा जाता
है) का उपयोग भारत
में प्राचीन काल से होता आ
रहा है। विशेष रूप से झारखंड, बिहार,
छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश
जैसे क्षेत्रों में यह पत्ता धार्मिक
और सामाजिक आयोजनों में खाने परोसने के लिए प्रयोग
में लाया जाता है। इसे शुद्धता, पर्यावरण के प्रति सम्मान,
और भारतीय ग्रामीण जीवनशैली का प्रतीक माना
जाता है।
जब
भारतीय प्रवासी समुदाय 19वीं और 20वीं शताब्दी में त्रिनिडाड एंड टोबैगो जैसे देशों
में पहुंचे, तो वे केवल श्रमशक्ति ही नहीं, बल्कि अपनी परंपराएं, संस्कृति और भोजन
की अनूठी विरासत भी अपने साथ लेकर आए। उन्हीं सांस्कृतिक धरोहरों में से एक थी सोहरी
पत्ते पर भोजन परोसने की परंपरा, जो आज भी वहां भारतीय मूल के लोगों के बीच गर्व और
पहचान का प्रतीक बनी हुई है। पत्ते पर
भोजन परोसने की यह परंपरा
वहां भी फली-फूली
और आज यह भारतीय
मूल के लोगों के
त्योहारों, शादी-ब्याह और धार्मिक आयोजनों
का एक अहम हिस्सा
बन चुकी है।
कैसे भारतीय
संस्कृति
पूरी
दुनिया
में
लोकप्रिय
हो
रही
है?:
आज भारत की सांस्कृतिक पहचान
देश की सीमाओं को
पार कर वैश्विक स्तर
पर प्रभाव छोड़ रही है। योग,आयुर्वेद, बॉलीवुड, भारतीय व्यंजन और पारंपरिक परिधान
जैसे सांस्कृतिक तत्वों ने दुनिया भर
में अपनी विशेष पहचान और लोकप्रियता बना
ली है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
वैश्विक
यात्राओं
और
उनके
प्रयासों—जैसे
कि
"अंतरराष्ट्रीय
योग
दिवस"
की
पहल—ने भारतीय
परंपराओं
को
वैश्विक
मंच
पर
स्थापित
करने
में
एक
महत्वपूर्ण
और
प्रभावशाली
भूमिका
निभाई
है।
उनके
नेतृत्व
में
भारत
की
सांस्कृतिक
पहचान
ने
दुनिया
भर
में
एक
नई
ऊंचाई
और
सम्मान
प्राप्त
किया
है।
- भारतीय
त्योहार जैसे दीपावली, होली, और रक्षाबंधन आज
न्यूयॉर्क से लेकर लंदन
और मॉरीशस से लेकर मेलबर्न
तक मनाए जाते हैं।
- भारतीय
संगीत और डांस फॉर्म्स
जैसे कथक, भरतनाट्यम और बॉलीवुड डांस
वर्कशॉप्स विदेशों में युवाओं को आकर्षित कर
रही हैं।
- भारतीय
खानपान – मसालेदार करी, समोसे, और मिठाइयाँ आज
हर बड़े देश के मेट्रो शहरों
में लोकप्रिय हैं।
- भारतीय
परिधान जैसे साड़ी और कुर्ता अब
फैशन शो और रेड
कारपेट्स पर देखे जाते
हैं।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की यह यात्रा
और वहां उन्हें मिला सोहरी पत्ते वाला पारंपरिक सम्मान इस बात का
प्रमाण है कि भारतीय
संस्कृति सीमाओं से परे जाकर
दिलों को छू रही
है। यह केवल भारत
के अतीत की विरासत नहीं
है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की
भी सांस्कृतिक सुपरपावर बनने की दिशा में
अग्रसर है।
"जहाँ
भी भारतीय संस्कृति जाती है, वहाँ अपने साथ प्रेम, परंपरा और प्रकृति के
प्रति सम्मान लेकर जाती है। यही भारत की असली ताकत
है।"