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इस
अवसर पर मुख्यमंत्री ने
विभिन्न कंपनियों द्वारा चयनित युवाओं को नियुक्ति-पत्र
प्रदान किए और राज्य सरकार
की रोजगार पहल को और मजबूत
बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण पोर्टल
भी लॉन्च किए। इनमें शामिल हैं –
-श्रम
न्याय सेतु पोर्टल
-औद्योगिक
न्यायाधिकरण की वेबसाइट
-ई-कोर्ट पोर्टल
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि
“उत्तर प्रदेश के युवाओं की
प्रतिभा और सामर्थ्य की
मांग न केवल भारत
में, बल्कि दुनिया के अन्य देशों
में भी तेजी से
बढ़ रही है। राज्य सरकार हर युवा को
रोजगार और स्वरोजगार के
अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध
है।”
उन्होंने
सभी नवचयनित युवाओं को हार्दिक बधाई
और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते
हुए कहा कि “युवा शक्ति ही उत्तर प्रदेश
की असली ताकत है और उनके
सहयोग से राज्य विकास
की नई ऊँचाइयों को
छू रहा है।”
रोजगार
महाकुंभ-2025 केवल एक औपचारिक आयोजन
नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश
सरकार के उस संकल्प
का प्रतीक है जिसमें हर
योग्य और प्रतिभावान युवा
को रोजगार से जोड़ने का
लक्ष्य रखा गया है। श्रम एवं सेवायोजन विभाग के सहयोग से
विभिन्न कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों
की भागीदारी ने इस आयोजन
को और भी सार्थक
बना दिया।
कार्यक्रम
में आए नियोक्ताओं ने
भी माना कि उत्तर प्रदेश
के युवाओं में कौशल, मेहनत और ईमानदारी की
कोई कमी नहीं है। यही कारण है कि आज
राज्य के तकनीकी व
गैर-तकनीकी दोनों तरह के युवा देश-विदेश की कंपनियों की
पहली पसंद बन रहे हैं।
इस
अवसर पर लॉन्च किए
गए श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट और
ई-कोर्ट पोर्टल राज्य में न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं
को और अधिक पारदर्शी
व सुलभ बनाने की दिशा में
मील का पत्थर साबित
होंगे। इन पोर्टलों के
माध्यम से श्रमिकों और
नियोक्ताओं के बीच विवादों
का त्वरित निपटारा संभव होगा, जिससे उद्योग जगत में विश्वास और स्थिरता बनी
रहेगी।
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन
में स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश
सरकार “रोजगार और स्वरोजगार दोनों
के अवसर” सृजित करने पर समान रूप
से काम कर रही है।
चाहे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना हो, स्टार्टअप इंडिया, ODOP (वन डिस्ट्रिक्ट वन
प्रोडक्ट) या फिर मेगा
रोजगार मेले – हर पहल का
उद्देश्य केवल एक है: युवा
शक्ति को सशक्त बनाना।
रोजगार महाकुंभ-2025
ने यह साबित कर
दिया है कि उत्तर
प्रदेश अब बेरोजगारी से
बाहर निकलकर अवसरों का केंद्र बन
रहा है। सरकार की दूरदर्शी नीतियां,
कंपनियों की सक्रिय भागीदारी
और युवाओं का जज्बा – यही
त्रिवेणी आने वाले समय में प्रदेश को भारत की
“रोजगार राजधानी” बनाने में मदद करेगी।