प्रधान मंत्री इशिबा टोक्यो इलेक्ट्रॉन टोक्यो इलेक्ट्रॉन सेमीकंडक्टर नई ऊर्जा पर सहयोग

 

                                         टोक्यो/नई दिल्ली।
जापान के प्रधानमंत्री प्रधान मंत्री इशिबा ने हाल ही में Tokyo Electron के अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर कारखाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कंपनी के ट्रेनिंग रूम और प्रोडक्शन इनोवेशन लैब का निरीक्षण किया और शीर्ष अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा भी की।
प्रधान मंत्री इशिबा  ने कहा कि सेमीकंडक्टर (Semiconductors) भारत-जापान सहयोग का एक अहम क्षेत्र है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल के वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और बड़ी संख्या में युवा इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में यह सहयोग और भी मजबूत होगा और भारत-जापान साझेदारी नई ऊँचाइयों को छुएगी।
भारत-जापान सहयोग से सेमीकंडक्टर सेक्टर को बढ़ावा: भारत सरकार सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजाइन को लेकर पहले से ही कई योजनाओं पर काम कर रही है।
जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत की युवा शक्ति मिलकर वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को नया आयाम दे सकती है।
Tokyo Electron जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों की भागीदारी भारत के सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता मिशन को गति प्रदान करेगी।
 प्रधान मंत्री इशिबा का यह दौरा केवल जापान की तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत-जापान साझेदारी भविष्य में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ रही है।
बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं ने इस क्षेत्र में कौशल विकसित किया है और AI, चिप डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाई है।
-भारत का लक्ष्य 2030 तक एशिया में एक प्रमुख सेमीकंडक्टर हब बनना है।
-जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और दशकों का अनुभव।
-भारत का विशाल मानव संसाधन और बाजार।
-दोनों देशों का साझा लक्ष्यआत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर उत्पादन और सप्लाई चेन को मजबूत बनाना।
 प्रधान मंत्री इशिबा ने इस अवसर पर कहाभारत-जापान सेमीकंडक्टर सहयोग केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 5 वर्षों में भारत-जापान सेमीकंडक्टर साझेदारी से:भारत में नई फैक्ट्रियों और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना होगी।लाखों युवाओं को रोजगार और ट्रेनिंग के अवसर मिलेंगे।इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और स्मार्ट डिवाइस उद्योग को सीधा लाभ होगा।
प्रधान मंत्री इशिबा ने टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियामी का दौरा कर भारत-जापान सेमीकंडक्टर सहायता को नई दिशा दी। भारत ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है और आने वाले समय में देशों की संयुक्त वैश्विक प्रौद्योगिकी स्टॉकहोम श्रृंखला मजबूत बनी हुई है।

 

 

 

 

 

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