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इस बहुदिवसीय कार्यक्रम
में विचारोत्तेजक सेमिनार, चयनित प्रदर्शनी और फिल्म स्क्रीनिंग
शामिल हैं, जो कोलकाता के
प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों—विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, इंडियन म्यूजियम, साइंस सिटी, मेटकाफ हॉल, करेंसी बिल्डिंग और नेशनल लाइब्रेरी—में
आयोजित किए जा रहे हैं।
इन मंचों पर दुर्लभ फोटोग्राफ,
अभिलेखीय दस्तावेज़ और व्यक्तिगत अनुभव
प्रदर्शित किए जा रहे हैं,
जो विभाजन के दौरान हुए
विस्थापन, संघर्ष और मानवीय कहानियों
को सजीव रूप में प्रस्तुत करते हैं।
युवाओं
की
उत्साही
भागीदारी:
कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में युवा छात्रों ने सक्रिय रूप
से भाग लिया है। सेमिनार और प्रदर्शनी में
युवाओं की यह भागीदारी
न केवल उनकी ऐतिहासिक समझ को बढ़ा रही
है, बल्कि उन्हें विभाजन के सामाजिक, सांस्कृतिक
और भावनात्मक पहलुओं से भी जोड़
रही है। प्रदर्शनी और फिल्म स्क्रीनिंग
में आए आगंतुकों ने
व्यक्तिगत स्मृतियों को सामूहिक इतिहास
से जोड़ने का अनुभव साझा
किया।
संवाद
और
विचार-विमर्श
का
मंच:
इन सेमिनारों ने विद्वानों, छात्रों
और आम जनता के
बीच संवाद को बढ़ावा दिया
है, जिससे विभाजन के कारणों और
परिणामों की संवेदनशील व
गहन समझ विकसित हो रही है।
समापन
कार्यक्रम:
14 अगस्त 2025 को इन आयोजनों
का समापन साइंस सिटी में एक मौन मार्च
के साथ होगा। प्रतिभागी दोपहर 3:30 बजे से मुख्य सभागार
के सामने एकत्र होंगे। यह मार्च विभाजन
की पीड़ा सहने वाले लाखों लोगों को गंभीर श्रद्धांजलि
देने और उसके ऐतिहासिक
महत्व पर चिंतन करने
का अवसर होगा। इस अवसर पर
डॉ. अनिर्बन गांगुली, निदेशक, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन, मुख्य अतिथि के रूप में
उपस्थित रहेंगे।
स्मृति
संस्कृति
को
सशक्त
बनाने
का
प्रयास
: IGNCA इन
आयोजनों के माध्यम से
शोध, दृश्य दस्तावेज़ीकरण और गरिमामय जन-भागीदारी को जोड़कर स्मृति
संस्कृति को मजबूत करने
का प्रयास कर रहा है।
इसका उद्देश्य है कि विभाजन
से मिले सबक आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे और
भारत के साझा इतिहास
का अभिन्न हिस्सा बने रहें।