
भारत
का
गर्व
शुभांशु शुक्ला:
शुभांशु शुक्ला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़े उन
चुनिंदा चेहरों में से एक हैं
जिन्होंने भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं
को नई ऊँचाई दी
है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और वैज्ञानिक सोच
ने उन्हें एक ऐसे मुकाम
पर पहुँचाया है जहाँ आज
पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।
पीएम मोदी की इस बातचीत
ने यह संदेश दिया
है कि भारत न
केवल अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लेकर गंभीर
है, बल्कि युवा वैज्ञानिकों और प्रतिभाओं को
भी पूरा सम्मान देता है।
भारत का पहला मानव
अंतरिक्ष मिशन गगनयान देश के लिए ऐतिहासिक
उपलब्धि साबित होगा। इस मिशन के
तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्वदेशी तकनीक से विकसित अंतरिक्ष
यान में सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों
पर कहा है कि गगनयान
मिशन सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा
नहीं बल्कि “नए भारत की
उड़ान” है।
शुभांशु शुक्ला जैसे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का
योगदान इस मिशन की
सफलता में महत्वपूर्ण होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के
बाद युवाओं में उत्साह का माहौल है।
सोशल मीडिया पर छात्र, युवा
इंजीनियर और विज्ञान प्रेमी
लगातार यह कह रहे
हैं कि शुभांशु शुक्ला
उनकी नई प्रेरणा बन
गए हैं।
यह बातचीत इस
बात का प्रतीक है
कि भारत का भविष्य सुरक्षित
हाथों में है और आने
वाले समय में भारत अंतरिक्ष की दुनिया में
और भी बड़ी उपलब्धियाँ
हासिल करेगा।
एक यूज़र ने
लिखा: “यह तो भारत
का गोल्डन मोमेंट है, पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला
दोनों ही हमारे हीरो
हैं।”
दूसरे यूज़र ने ट्वीट किया:
“गगनयान मिशन भारत को सुपरपावर बनाने
की दिशा में एक बड़ा कदम
है। मोदी जी और हमारे
वैज्ञानिकों को सलाम।”
पीएम मोदी का यह ट्वीट
न केवल शुभांशु शुक्ला को सम्मान देने
वाला है बल्कि यह
पूरे भारत के वैज्ञानिक समुदाय
के लिए प्रेरणादायी संदेश है। भारत आज विज्ञान और
तकनीक की दुनिया में
नई पहचान बना रहा है। गगनयान मिशन और शुभांशु शुक्ला
की उपलब्धि इस बात का
सबूत है कि आने
वाला समय भारत के लिए अंतरिक्ष
विजयी युग होगा।