भारत
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष
महा अष्टमी के शुभ अवसर
पर दिल्ली के चित्तरंजन पार्क
में दुर्गा पूजा उत्सव में भाग लिया। चित्तरंजन पार्क, जो बांग्ला संस्कृति
का एक गढ़ माना
जाता है, में होने वाली इस भव्य पूजा
का हिस्सा बनते हुए मोदी जी ने सांस्कृतिक
एकता और विविधता के
प्रतीक के रूप में
इसे प्रस्तुत किया।दुर्गा
पूजा, जिसे बंगाल का सबसे बड़ा
त्योहार माना जाता है, न केवल धार्मिक
बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव
का भी प्रतीक है।
यह त्योहार न केवल देवी
दुर्गा की पूजा का
एक अवसर है, बल्कि यह सभी समुदायों
के लिए एक मंच तैयार
करता है जहां लोग
एक साथ मिलकर अपनी खुशियों का जश्न मनाते
हैं। मोदी जी ने इस
अवसर पर सभी लोगों
की खुशी और कल्याण के
लिए प्रार्थना की। चित्तरंजन पार्क में दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन हर
वर्ष बड़े धूमधाम से किया जाता
है। इस बार, प्रधानमंत्री
मोदी का यहां आना
इस बात का प्रमाण है
कि हमारे देश में भिन्नता के बावजूद एकता
की भावना कितनी महत्वपूर्ण है। उनकी उपस्थिति ने इस पर्व
को और भी खास
बना दिया और समाज में
एकता का संदेश फैलाया। प्रधानमंत्री
का
सन्देश उद्घाटन भाषण
में,
मोदी जी ने लोगों
को एकजुट रहने और सांस्कृतिक धरोहर
को संजोए रखने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, "हमारी एकता ही हमारी शक्ति
है, और हमारी संस्कृति
में विविधता वास्तव में हमारे देश की सुंदरता को
बढ़ाती है।" नरेंद्र
मोदी का चित्तरंजन पार्क
में दुर्गा पूजा उत्सव का दौरा निश्चित
रूप से समुदाय में
प्रेम और एकता की
भावना को पुनर्जीवित करता
है। यह हमें यह
याद दिलाता है कि चाहे
हम किसी भी background से हों, उत्सव
मनाने का एक समान
उद्देश्य है - एक-दूसरे के
साथ मिलकर खुशी और सकारात्मकता का
अनुभव करना। इस
प्रकार नरेंद्र मोदी का यह दौरा
हमें न केवल धार्मिक
आस्था बल्कि सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता
के संदेश को भी देता
है। हमें अपने त्योहारों में ऐसे ही उत्साह और
एकता के साथ भाग
लेना चाहिए, जिससे हम अपनी संस्कृति
को और समृद्ध बना
सकें।