रसायन
एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत रसायन
एवं पेट्रोरसायन विभाग (DCPC) ने 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक चले विशेष
अभियान 5.0 का सफलतापूर्वक समापन
किया। इस अभियान में
स्वच्छता अभियान, जन शिकायतों का
प्रभावी निपटारा, सांसदों से प्राप्त संदर्भ,
आईएमसी संदर्भ (कैबिनेट नोट) तथा फाइलों की समीक्षा और
अनावश्यक फाइलों को हटाने पर
विशेष जोर दिया गया। अभियान के दौरान विभाग
ने सभी लक्षित क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की। संगठनों
की सक्रिय भागीदारी और स्वच्छता अभियान
में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। विभाग एवं इसके अधीनस्थ संगठन – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग
एंड टेक्नोलॉजी (CIPET), इंस्टीट्यूट ऑफ पेस्टिसाइड फॉर्मूलेशन
टेक्नोलॉजी (IPFT), हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड (HOCL) तथा हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड्स लिमिटेड (HIL) – ने इस अभियान
में पूरी मेहनत से भाग लिया
और उल्लेखनीय प्रगति हासिल की। कुल मिलाकर, 165 स्वच्छता अभियान विभिन्न कार्यालयों में आयोजित किए गए। डीसीपीसी ने शास्त्री भवन
में स्टोर रूम की सफाई की
और ई-कचरा तथा
अन्य विविध सामग्रियों का निपटारा किया।
CIPET ने 148 स्वच्छता गतिविधियों का आयोजन किया,
जिनमें से 65 इनडोर और 83 आउटडोर थे, जिनसे कुल 7,156 वर्ग फुट स्थान साफ़ हुआ और स्क्रैप निपटान
से रु. 8,46,900/- की आय प्राप्त
हुई। IPFT, HOCL और HIL ने भी अपने-अपने निर्धारित स्वच्छता लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा
किया, जिससे स्वच्छता अभियान की सफलता सुनिश्चित
हुई। फाइल
प्रबंधन और डिजिटल प्रगतिप्रबंधन
के क्षेत्र में अभियान के दौरान कुल
5,756 भौतिक फाइलों की समीक्षा की
गई। इनमें से संगठन के
अनुसार समीक्षा की गई फाइलें
इस प्रकार हैं: DCPC ने 964 फाइलें, CIPET ने 3,951 फाइलें, IPFT ने 261 फाइलें, HOCL ने 500 फाइलें और HIL ने 80 फाइलें। इसके अतिरिक्त, 1,993 लंबित ई-फाइलें और
1,923 ई-रसीदें भी समीक्षा के
अंतर्गत आईं। यह प्रक्रिया संगठन
की फाइल व्यवस्था को मजबूत बनाने
और डिजिटल प्रबंधन के प्रति जागरूकता
बढ़ाने के उद्देश्य से
की गई थी।जन
शिकायतें, सांसद संदर्भ और राजस्व संग्रह
अभियान के दौरान कुल
6 शिकायतों का निपटारा किया
गया। इसके अलावा, सांसदों से प्राप्त 2 संदर्भों
और एक आईएमसी (कैबिनेट
नोट) संदर्भ पर उत्तर भेजा
गया है। शास्त्री भवन में पड़े 283 अनुपयोगी ई-कचरा और
स्क्रैप आइटम की ई-नीलामी
की गई, जिससे सरकार को जीएसटी सहित
कुल रु. 71,250 की आय प्राप्त
हुई है। यह अभियान प्रशासन
की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को
बढ़ावा देने के उद्देश्य से
चलाया गया है।विशेष
अभियान 5.0 ने DCPC की स्वच्छता, पारदर्शिता
तथा शासन में दक्षता के आदर्शों के
प्रति प्रतिबद्धता को पुनः सुदृढ़
किया। सभी संलग्न कार्यालयों तथा सार्वजनिक उपक्रमों के संयुक्त प्रयासों
से विभाग ने स्वच्छ एवं
जवाबदेह कार्य वातावरण बनाने की अपनी समर्पण
भावना प्रदर्शित की।यह अभियान न केवल कार्यालयों
को स्वच्छ बनाता है, बल्कि डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत
मिशन के लक्ष्यों को
भी मजबूती प्रदान करता है। रसायन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में इस तरह की
पहल भविष्य में और अधिक कुशल
प्रशासन की नींव रखती
है।