प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा: भारत-जॉर्डन संबंधों में नई मजबूती

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान किंग अब्दुल्लाह द्वितीय से अम्मान में फलदायी वार्ता की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार बढ़ाने और क्षेत्रीय शांति पर चर्चा की। पीएम मोदी ने अपनी अरबी भाषा में पोस्ट में कहा, "अम्मान में महामहिम किंग अब्दुल्लाह द्वितीय के साथ फलदायी वार्ता की। भारत-जॉर्डन संबंधों को मजबूत करने के उनके व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। इस वर्ष हम अपनी द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि हमें भविष्य में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।"
भारत-जॉर्डन संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का महत्व :  यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि वर्ष 2025 में भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत संबंध हैं। पीएम मोदी की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है, जो 37 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की जॉर्डन यात्रा है।
वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने 8-सूत्री विजन साझा किया, जिसमें शामिल हैं: व्यापार और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जा सकता है, जैसे उर्वरक एवं कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, आधारभूत संरचना, महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज, नागरिक परमाणु सहयोग, और जनता से जनता संपर्क। उर्वरक और कृषि क्षेत्र में समग्र विकास के लिए साझेदारी एवं नई तकनीकों का आदान-प्रदान आवश्यक है। सूचना प्रौद्योगिकी ने व्यापार में दक्षता और नवाचार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग से रोगों की रोकथाम और उपचार की प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। आधारभूत संरचना के विकास से आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी। महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों की खोज और प्रबंधन में साझेदारी से प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग संभव है। नागरिक परमाणु सहयोग से ऊर्जा संसाधनों में सुधार होगा, और जनता से जनता संपर्क सामाजिक समरसता और आपसी समझ को बढ़ावा देगा। इस प्रकार, इन सभी क्षेत्रों में सहयोग एवं विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने से आर्थिक प्रगति और व्यापार को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की संभावना बढ़ेगी।दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 2.8 अरब डॉलर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।
समझौते और MoU पर हस्ताक्षर : यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें शामिल हैं:
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति के साथ, जल संसाधन प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, डिजिटल परिवर्तन की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से विभिन्न उद्योगों मेंefficiency और उत्पादकता में सुधार हो रहा है। सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए पेट्रा और एलोरा के बीच ट्विनिंग समझौता स्थापित किया गया है, जो कि दोनों स्थलों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाने में सहायक होगा। इसके अलावा, 2025 से 2029 तक चलने वाले सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों के बीच समर्पण और समझ को बढ़ावा देना है, जिससे आपसी संबंधों को मजबूती मिलेगी। जॉर्डन अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल होने की इच्छा जता चुका है। दोनों देश आतंकवाद विरोध, डी-रेडिकलाइजेशन और क्षेत्रीय शांति (खासकर गाजा मुद्दे पर) में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
अम्मान में भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। जॉर्डन में 17,500 से अधिक भारतीय रहते हैं, जो कपड़ा, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्रवासी भारत-जॉर्डन संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।यह यात्रा जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की तीन देशों की यात्रा का पहला चरण है। इससे भारत की 'विस्तारित पड़ोस' नीति को बल मिलेगा और पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका में रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी।

 

 

 

 

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