हर
साल 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार
दिवस मनाया जाता है, और इस दिन
को मनाने का मुख्य उद्देश्य
मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता
फैलाना और उनके संरक्षण
की दिशा में प्रयास करना रहता है। इसी क्रम में, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में
वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस एंड ह्यूमैनिटी अवार्ड्स 2025 ने इस महत्वपूर्ण
अवसर को और भी
खास बना दिया।यह
कार्यक्रम मानवाधिकारों की सुरक्षा और
वैश्विक एकता को मजबूत बनाने
के लिए समर्पित एक प्रेरणादायक मंच
था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
ट्रांसपोर्ट मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने मानवाधिकारों के
प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस मौके पर
डॉ. श्याम रघुनंदन को उनके समर्पण
और सेवा के लिए पुरस्कार
से नवाज़ा गया। डॉ. रघुनंदन, जिन्हें लोग "कोल्ड लेज़र मैन ऑफ इंडिया" के
नाम से जानते हैं,
ने मानवाधिकारों के क्षेत्र में
उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
यह
कार्यक्रम कई वरिष्ठ अधिकारियों
और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में
आयोजित हुआ। कार्यक्रम के आयोजकों योगराज
शर्मा, विजय मलिक और प्रियांक गुप्ता
ने इसे सफलतापूर्वक संचालित किया, और विभिन्न क्षेत्रों
से आए प्रतिष्ठित व्यक्तियों
को सम्मानित करने के लिए भव्य
पुरस्कार प्रदान किए गए।
डॉ.
श्याम रघुनंदन का जीवन एक
प्रेरणा है। उन्होंने भारतीय वायु सेना में 20 वर्षों तक सेवा की
और फिर एक सफल चिकित्सक
और उद्यमी बने। उन्होंने थर्ड क्लास लेज़र थेरेपी के माध्यम से
हजारों रोगियों का इलाज किया
और उन्हें दर्द और नशे की
लत से मुक्ति दिलाई।
उनकी यात्रा, जो एक साधारण
लड़के से शुरू हुई,
आज एक सफल CEO तक
पहुँच गई है।
ग्लोबल
पीस एंड ह्यूमैनिटी अवार्ड्स 2025 ने एक बार
फिर यह प्रदर्शित किया
कि मानवाधिकारों की सुरक्षा के
लिए सामूहिक प्रयास कितना महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के
कार्यक्रम समाज में जागरूकता बढ़ाने और मानवाधिकारों के
प्रति सम्मान दर्शाने में सहायक होते हैं। हम सभी का
यह कर्तव्य है कि हम
मानवाधिकारों के प्रति अपनी
जिम्मेदारियों को समझें और
उन्हें संरक्षित रखें।