खुशी
मुखर्जी इंस्टाग्राम सेंसेशन,
मॉडल और एक्ट्रेस, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका बोल्ड अंदाज जो
सीधे मुंबई की सड़कों पर देखने को मिला, बिना पजामे के। सोशल मीडिया पर उनकी एक वीडियो
तेजी से वायरल हो रही है जिसमें खुशी मुखर्जी ब्लैक ड्रेस में खुलेआम घूमती नजर आ रही
हैं।
2 महीने में
10 करोड़
कमाए
खुशी
मुखर्जी
का
बेबाक
कबूलनामा
: खुशी ने एक इंटरव्यू में खुलकर बताया कि उन्होंने अपनी
अश्लील तस्वीरों और वीडियो के जरिए महज दो महीने में 10 करोड़ रुपये कमा लिए। उन्होंने
यह भी कहा कि उन्हें इस पर कोई गिल्ट नहीं है।
खुशी मुखर्जी कहती हैं:
जो मैं करती हूं,
अपनी मर्ज़ी से करती हूं। किसी को पसंद नहीं तो मत देखो। मुझे कोई शर्म नहीं, मैंने
अपने टैलेंट से पैसा कमाया है।
फैशन या
फूहड़ता?
जनता
के
बीच
बहस
तेज
: कई लोग इस तरह के
बोल्ड फैशन को "आर्ट और आत्म-प्रकाशन"
कह रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ इसे "सस्ती लोकप्रियता और अश्लीलता का
प्रदर्शन" बता रहे हैं।
सोशल
मीडिया पर यह सवाल
उठाया जा रहा है:
"अगर इतनी फिक्र है, तो ऐसे कपड़े
पहनते ही क्यों हो?
और फिर सार्वजनिक जगहों पर इस तरह
का व्यवहार क्यों?
इंस्टाग्राम पर
15 लाख+
फॉलोअर्स,
वायरल
रील्स
का
जलवा
: खुशी मुखर्जी के इंस्टाग्राम पर
1.5 मिलियन से भी ज्यादा
फॉलोअर्स हैं। उनकी हर रील मिनटों
में वायरल हो जाती है।
मुंबई की सड़कों पर
बिना पजामे के घूमने वाली
वीडियो ने तो मानो
इंटरनेट पर आग ही
लगा दी है।
क्या यह
सिर्फ
लाइमलाइट
में
आने
का
तरीका
है?
: बॉलीवुड में यह कोई नई
बात नहीं, जहां कई सितारे विवादित
बयानों या बोल्ड फैशन
के जरिए खबरों में बने रहते हैं। पर सवाल यह
उठता है: क्या समाज के खुलेपन के
नाम पर सब कुछ
जायज़ है?
क्या खुशी
मुखर्जी
की
कमाई
टिकाऊ
है?
या
है
बस
एक
वायरल
फेज़?
खुशी
मुखर्जी ने हाल ही
में दावा किया कि उन्होंने अपने
बोल्ड और अश्लील कंटेंट
से केवल दो महीनों में
₹10 करोड़ रुपये कमाए। पर यहां बड़ा
सवाल यह है — क्या
यह कमाई स्थायी है या सिर्फ
एक डिजिटल बुलबुला?OnlyFans, इंस्टाग्राम सब्सक्रिप्शन, पेड कंटेंट प्लेटफॉर्म्स जैसे माध्यमों से लाखों-करोड़ों
की कमाई अब संभव हो
गई है। लेकिन यह कमाई तब
तक ही है जब
तक लोग देख रहे हैं — और जब तक
कंटेंट में नयापन है। विशेषज्ञों का मानना है
कि:"वायरल कंटेंट से कमाई तो
होती है, लेकिन इसकी उम्र बहुत छोटी होती है। एक बार जब
दर्शक ऊब जाते हैं,
तो कमाई अचानक गिरने लगती है।"
इसलिए
यह जरूरी है कि कंटेंट क्रिएटर्स टैलेंट, स्किल और ब्रांड वैल्यू पर काम करें, वरना
ये कमाई टिकती नहीं।
खुशी की
लोकप्रियता
पर
सामाजिक
प्रभाव
क्या
है?
खुशी
मुखर्जी जैसी डिजिटल सेलेब्रिटीज़ का एक बड़ा
फैनबेस है, खासकर युवाओं के बीच। उनका
हर कदम ट्रेंड बन जाता है।
पर यह भी सच
है कि:
उनके बोल्ड
फैशन और खुले विचारों
का सीधा असर समाज के नैतिक मूल्यों
और युवाओं की सोच पर
पड़ रहा है।
सकारात्मक पक्ष:
महिलाएं अब अपने शरीर
और कपड़ों को लेकर कम
शर्मिंदा हैं। बोल्डनेस
को आत्मविश्वास के रूप में
देखने की सोच बढ़
रही है।
नकारात्मक पक्ष:
युवा लड़कियों में "लाइक
और
फेम"
के
लिए
बॉडी
एक्सपोज़र
की प्रवृत्ति बढ़ रही है। अश्लीलता
और लाइमलाइट की सीमाएं धुंधली
हो रही हैं। पब्लिक डिसिप्लिन और पारिवारिक माहौल
पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है। कई
माता-पिता और सामाजिक कार्यकर्ताओं
का कहना है कि इस
तरह का ओपन डिस्प्ले
समाज को “अति-उदारीकरण”
की ओर ले जा
रहा है, जो भारत की
सांस्कृतिक जड़ों से मेल नहीं
खाता।
ऐसे कंटेंट की बढ़ती
मांग क्यों हो रही है?
आज
के डिजिटल दौर में "ध्यान ही नई करेंसी"
बन चुका है — जिसे जितना ज़्यादा देखा जाए, वही सबसे अमीर माना जाता है। और इस
दौड़ में सबसे आगे रहते हैं वो कंटेंट जो विवादास्पद हो, बोल्ड हो या चौंकाने वाला
एक्सपोज़र दे सके।
बढ़ती मांग के पीछे कुछ
मुख्य कारण:
FOMO (Fear of
Missing Out):
-लोग
चाहते हैं कि वो हर ट्रेंडिंग वीडियो देखें और चर्चा का हिस्सा बनें।
इंस्टाग्राम और टिकटॉक
एल्गोरिदम:
-ऐसे
कंटेंट को तेजी से प्रमोट किया जाता है जो चौंकाने वाला हो।
सेल्फ-एक्सप्रेशन का
नाम लेकर बोल्डनेस बेचना:
-‘बॉडी पॉजिटिविटी’, ‘फैशन फ्रीडम’ जैसे
शब्दों की आड़ में कई लोग अश्लीलता को प्रमोट कर रहे हैं।
बेरोजगारी और शॉर्टकट
फेम की चाह:
-बहुत
से युवा बिना मेहनत के वायरल होना चाहते हैं। और बोल्ड कंटेंट सबसे आसान रास्ता लगता
है।
तो सवाल यह है: क्या हमें इस तरह के
कंटेंट को एंटरटेनमेंट मानकर
नजरअंदाज़ करना चाहिए? या समाज को अब यह
तय करना होगा कि "बोल्ड" और
"भद्दा"
के
बीच
की
लाइन
कहां
खींचनी
है?
आप
क्या
सोचते
हैं?
"क्या खुशी
मुखर्जी
जैसी
सेलेब्रिटी
समाज
में
सकारात्मक
बदलाव
ला
रही
हैं
या
फिर
अश्लीलता
को
सामान्य
बना
रही
हैं
?