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इस
मौके पर अमित शाह
ने कहा,"आज का दिन
डेयरी क्षेत्र में स्वावलंबन की दिशा में
अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। फर्मेंटेड खाद्य उत्पादों के लिए जिस
'कल्चर' की आवश्यकता होती
है, उसका 90% तक आयात किया
जाता था। लेकिन अब भारत में
ही स्वदेशी कल्चर का उत्पादन होगा।"केंद्रीय
मंत्री अमित शाह ने आज ज़ोर
देते हुए कहा कि NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) की शोध और
नवाचार की निरंतर कोशिशों
ने भारत को डेयरी क्षेत्र
में एक क्रांतिकारी मोड़
पर लाकर खड़ा कर दिया है।
अब देश में ही स्वदेशी Ready-to-Use Culture (RUC) फॉर्मुलेशन तैयार हो चुके हैं—जो
पहले तक पूरी तरह
से विदेशी आपूर्ति पर निर्भर थे।
इस उपलब्धि से न केवल
डेयरी उत्पादों की लागत में
कमी आएगी, बल्कि भारत वैश्विक डेयरी मंच पर 'मेक इन इंडिया' ब्रांड
के साथ एक सशक्त उपस्थिति
दर्ज कर सकेगा।इसी
सकारात्मक ऊर्जा के साथ, आज
अमित शाह ने NDDB के नए कार्यालय
भवन का शिलान्यास और
NCDFI (नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया) के
नए कॉर्पोरेट परिसर का उद्घाटन कर,
भारत के सहकारी आंदोलन
को एक नई गति
और दिशा देने का काम भी
किया। "यह सिर्फ इमारतों
की नींव नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की नींव है,"
उन्होंने कहा। यह पहल भारत
के सहकारिता मॉडल को और अधिक
सशक्त बनाने की दिशा में
मील का पत्थर है।भारत का डेयरी क्षेत्र अब आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। स्वदेशी तकनीक, स्थानीय उत्पादन और वैज्ञानिक नवाचार की मदद से यह क्षेत्र न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के प्रधानमंत्री के विजन को भी साकार करेगा