
अमित
शाह ने कहा कि,
"एक सांसद और विभिन्न राज्यों
के राज्यपाल के रूप में
आपका कार्य संवैधानिक कर्तव्यों के प्रभावी निर्वहन
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुझे विश्वास है कि आपका
विशाल अनुभव और ज्ञान उच्च
सदन की प्रतिष्ठा को
बढ़ाएगा और नए कीर्तिमान
स्थापित करेगा।"
उन्होंने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा संसदीय
दल के सभी सदस्यों
का भी आभार व्यक्त
किया है, जिन्होंने सर्वसम्मति से सी.पी.
राधाकृष्णन को इस महत्वपूर्ण
पद के लिए नामित
किया।
कौन हैं
सी.पी.
राधाकृष्णन?:
सी.पी. राधाकृष्णन एक वरिष्ठ राजनेता
हैं, जिन्होंने राजनीति और प्रशासन दोनों
ही क्षेत्रों में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। वे भाजपा के
वरिष्ठ नेता रह चुके हैं
और सांसद के रूप में
जनता की सेवा कर
चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के
रूप में कार्य करते हुए संवैधानिक दायित्वों को पूरी निष्ठा
और ईमानदारी से निभाया है। उनका
राजनीतिक अनुभव, नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक समझ
उन्हें इस जिम्मेदारी के
लिए और भी उपयुक्त
बनाते हैं। यही कारण है कि एनडीए
ने उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनाकर
एक मजबूत संदेश दिया है।
राजनीतिक
जानकारों का मानना है
कि सी.पी. राधाकृष्णन
को उम्मीदवार बनाकर भाजपा और एनडीए ने
एक रणनीतिक दांव खेला है। उनका स्वच्छ छवि वाला व्यक्तित्व और विभिन्न क्षेत्रों
में किया गया कार्य निश्चित रूप से उच्च सदन
में नई ऊर्जा और
सम्मान लेकर आएगा। एनडीए का मानना है
कि इस चुनाव में
राधाकृष्णन का अनुभव और
उनकी प्रतिबद्धता विपक्षी खेमे पर भारी पड़ेगी।
वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में
भी इस घोषणा के
बाद उत्साह का माहौल देखने
को मिल रहा है।
सी.पी. राधाकृष्णन की उम्मीदवारी विपक्ष
के लिए एक बड़ी चुनौती
साबित हो सकती है।
विपक्ष को अब एक
ऐसे उम्मीदवार की तलाश करनी
होगी जो राधाकृष्णन के
राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव
के मुकाबले टिक सके।उपराष्ट्रपति
चुनाव की दौड़ अब
और दिलचस्प हो गई है।
सी.पी. राधाकृष्णन का नाम सामने
आने के बाद यह
साफ हो गया है
कि भाजपा और एनडीए ने
मजबूत दांव लगाया है। अमित शाह सहित भाजपा नेतृत्व को विश्वास है
कि उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता
उच्च सदन की गरिमा को
और ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
अब
देश की निगाहें इस
चुनावी मुकाबले पर टिकी हैं,
जहां तय होगा कि
भारत का अगला उपराष्ट्रपति
कौन होगा।