pic source : pm modi twitter
नई
दिल्ली। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 2024 बैच के 33 अधिकारी प्रशिक्षुओं (Officer
Trainees) ने आज प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी से उनके आवास
7, लोक कल्याण मार्ग पर भेंट की।
यह मुलाक़ात केवल एक औपचारिक अवसर
नहीं थी, बल्कि भारत की बदलती कूटनीति,
वैश्विक भूमिका और भविष्य के
राजनयिकों के कंधों पर
आने वाली ज़िम्मेदारियों पर केंद्रित एक
गहन संवाद रहा।
भारत (विश्वबन्धु
और
"पहला
प्रत्युत्तर
देने
वाला"
देश)
: प्रधानमंत्री
मोदी ने बातचीत के
दौरान कहा कि भारत ने
दुनिया के सामने खुद
को एक सच्चे “विश्वबन्धु” (Vishwabandhu) के
रूप में स्थापित किया है। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि जब भी
किसी देश को मदद की
ज़रूरत होती है – चाहे वह प्राकृतिक आपदा
हो, मानवीय संकट हो या फिर
क्षमता निर्माण की पहल, भारत
हमेशा सबसे पहले सहायता पहुँचाने वाला देश बनकर खड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने
लगातार Global South
(वैश्विक दक्षिण) के साथ सहयोग
को प्राथमिकता दी है और
आने वाले समय में यह साझेदारी और
भी अधिक सशक्त व प्रभावशाली होगी।
2047 तक विकसित भारत
(भविष्य
के
कूटनीतिज्ञों
की
अहम
भूमिका):
प्रधानमंत्री ने कहा कि
जैसे-जैसे भारत विकसित राष्ट्र 2047 के लक्ष्य की
ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे युवा कूटनीतिज्ञों की भूमिका बेहद
महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने प्रशिक्षुओं को याद दिलाया
कि वे केवल अधिकारी
नहीं हैं, बल्कि आने वाले समय में भारत के चेहरे और
आवाज़ बनकर पूरी दुनिया में भारत की पहचान को
मज़बूती देंगे।
युवा पीढ़ी
में
भारत
को
लेकर
जिज्ञासा
जगाने
का
आह्वान:
पीएम मोदी ने सुझाव दिया
कि प्रशिक्षु विभिन्न देशों के युवाओं में
भारत को लेकर जिज्ञासा
उत्पन्न करें। इसके लिए उन्होंने ‘Know Your
Bharat’ क्विज़ और डिबेट आयोजित
करने पर ज़ोर दिया।
उन्होंने
कहा कि क्विज़ के
प्रश्नों को समय-समय
पर अपडेट करते रहना चाहिए और इनमें समकालीन
विषयों को शामिल किया
जाना चाहिए जैसे – महाकुंभ, गंगैकोंडा चोलपुरम मंदिर के 1000 वर्ष पूरे होने का उत्सव, और
भारत की सांस्कृतिक धरोहर।
टेक्नोलॉजी-ड्रिवन
दुनिया
में
संवाद
का
महत्व:
प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं को
याद दिलाया कि आज की
दुनिया प्रौद्योगिकी-आधारित संचार पर टिकी है।
उन्होंने सभी मिशनों की वेबसाइट्स को
और अधिक प्रभावी व इंटरैक्टिव बनाने
की दिशा में काम करने की सलाह दी
ताकि भारतीय प्रवासी समुदाय और दुनिया तक
भारत की सशक्त छवि
पहुँच सके।
अंतरिक्ष क्षेत्र
में
निजी
खिलाड़ियों
के
लिए
अवसर: प्रधानमंत्री
मोदी ने इस दौरान
स्पेस सेक्टर पर भी बात
की। उन्होंने कहा कि भारत ने
निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष
क्षेत्र को खोला है
और अब भारतीय स्टार्टअप्स
के पास वैश्विक स्तर पर काम करने
का बड़ा अवसर है। पीएम ने विश्वास जताया
कि भारत इस स्पेस सेक्टर
में बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता
है।
प्रशिक्षुओं का
अनुभव
साझा:
प्रशिक्षुओं ने प्रधानमंत्री के
साथ अपने अनुभव साझा किए, जिनमें शामिल थे – Maritime Diplomacy,
AI & Semiconductor, आयुर्वेद,
सांस्कृतिक जुड़ाव, फूड और सॉफ्ट पावर
जैसे विषय। प्रधानमंत्री ने उनके रिसर्च
कार्यों की सराहना की
और उन्हें नवाचार एवं सीखने की भावना बनाए
रखने का संदेश दिया।