प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात: एससीओ शिखर सम्मेलन में गहराया रणनीतिक साझेदारी का विश्वास

 

                                                       
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, उर्वरक, अंतरिक्ष, सुरक्षा और संस्कृति सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर गहन चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को "विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" बताया। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे विश्वास और साझेदारी को नए आयामों पर ले जाना समय की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर विचार-विमर्श किया। साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
भारत-रूस साझेदारी की विशेषताएँ:
-व्यापार और निवेश: ऊर्जा, उर्वरक और औद्योगिक क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार।
-अंतरिक्ष एवं विज्ञान: संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी सहयोग पर चर्चा।
-सुरक्षा एवं रक्षा: रणनीतिक स्थिरता और रक्षा संबंधों को गहरा करने पर जोर।
-संस्कृति एवं शिक्षा: दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-रूस की दोस्ती सिर्फ़ आर्थिक नहीं बल्कि विश्व शांति और स्थिरता के लिए भी अहम है। वहीं राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत को रूस का विश्वसनीय मित्र और सहयोगी बताया। समापन में यही कहना उचित होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह मुलाकात सिर्फ़ कूटनीतिक बातचीत नहीं, बल्कि विश्व शांति और सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत है।भारत और रूस की विशेष रणनीतिक साझेदारी यह संदेश देती है कि जब राष्ट्र आपसी विश्वास और सहयोग से आगे बढ़ते हैं तो न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होते हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति, स्थिरता और प्रगति की राह भी खुलती है। 


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